करोना वायरस के चलते भले ही ओलिंपिक क्वालीफाई मुकाबले टल गए हैं, लेकिन मेरी तैयारी नहीं। मेरे लक्ष्य की तरह मेरा रुटीन अभी भी बरकरार है। अब भी सुबह जल्दी उठती हूं। नियमित व्यायाम के साथ कुश्ती का अभ्यास भी होता है। हां, फर्क जगह और पार्टनर के रूप में जरूर आया है। पहले अखाड़े में मैट पर महिला साथी खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करती थी, अब अपने घर पर परिसर में अभ्यास होता है और पहलवान भाई मेरा पार्टनर माेहित बनता है। यह कहना है एक माह में दो बार ओलिंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को शिकस्त देने वाली भारतीय महिला कुश्ती टीम की सदस्य सोनम मलिक का।
उन्होंने कहा कि अब घर से ही ओलिंपिक क्वालीफाई की तैयारियों में जुटी कैडेट वर्ग में एशियन चैंपियन सोनम ने कहा कि यकीनन मौजूदा समय मुश्किल है, लेकिन अभी खुद को शारीरिक एवं मानिसक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश कर रही हूं, क्योकि मेरी तैयारी अपनी खुद से ज्यादा है। मुझे परिवार से बहुत हौंसला मिलता है। भाई और परिजन मेरी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ते। फिलहाल समय जैसा भी है, लेकिन खुद को पहले की तरह ही तैयार रखना बड़ी चुनौती है।
तैयारी अभी भी जारी
सुबह जल्दी उठने के बाद एक घंटा प्रणायाम होता है। उसके बाद पनीर, बादाम व दूध लिया जाता है। फिर हल्का अभ्यास। दरवाजे पर रस्सा लगाकर स्ट्रेचिंग करती हूं। फिर भाई व पिता के साथ खेतों में जाती हूं। वहां से लौटने के बाद कुछ देर आराम होता है। इसके बाद विदेशी खिलाड़ियों के वीडियो देखकर उनकी तकनीक को समझती हूं। शाम को भाई को पार्टनर बनाकर अभ्यास करते हैं। शाम को परिवार के साथ वक्त बिताते हुए रात को जल्द सोते हैं। कोच अजमेर मलिक ने इस लंबे ब्रेक में शरीर में मोटापा हावी नहीं हो, इसके मद्देनजर खान-पान व्यवस्था भी बदली है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी, नींबू, पनीर का सेवन। पत्ता रहित सब्जी का सेवन करना है। दूध एवं दही लगातार लेना है, लेकिन फुल गोभी और मोटापे को बढ़ाने वाली सब्जियां एवं अन्य आहार नहीं लेना है। सोना बाथ की जगह अब घर पर ही गैस और हीटर के माध्यम से पसीना निकाला जाता है।
सोनम से अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। इसलिए उन्हें ढीला नहीं छाेड़ सकते। इसलिए मैदानी अभ्यास से कहीं अधिक जोर फिटनेस को बेहतर बनाए रखने एवं अभ्यास जारी रखने का है। अभी बॉडी पर लोड नहीं देना है, जिससे बुखार आदि की नौबत आए। ओलिंपिक कभी हो, हमें बेहतर रहना है।